Blog Archive

Monday, September 5, 2022

Guru Naman

 आज टीचर्ज़ डे पर सभी गुरुओं को प्रणाम,
सफलता की राह दिखाने वाले महारथियों को प्रणाम ।

ज्ञान के अथाह सागर में डुबोकर,
मंज़िल तक ले जाने वाले माननियों को प्रणाम ॥

पहले गुरु माता-पिता , गुरु से मिलाने वाले,
उन सम्माननीयों को प्रणाम ।

गुरु नहीं होते सफलता नहीं मिलती,
उनका मार्गदर्शन नहीं होता मंज़िल नहीं मिलती ॥

जीवन के ऊँचे-नीचे, टेढ़े-मेढ़े रास्तों से गुजरते हुए,
दिशाहीन मार्गविहीन ये ज़िंदगी होती ।

गुरु का मान करो सम्मान करो,
जब भी सफलता की सीढ़ी चढ़ो उन्हें प्रणाम करो ॥

Tuesday, July 7, 2020

Janamdin ki Shubhkamnaein - MS Dhoni

कप्तान कूल को जन्मदिवस की हार्दिक शुभकामनाएं | आपकी कप्तानी का विश्व में लोहा माना जाता है | नयी पीढ़ी को विश्व कप विजय कर के हर्ष मनाने का स्वर्णिम अवसर आपने प्रदान किया इसके लिए हम आभारी हैं | 
आपकी विकेट्स के पीछे से दर्शायी गयी चपलता ने कितने ही मैचेस का निर्णय भारतीय टीम के अनुकूल कर दिया | हम आशा करते हैं की आप सदैव स्वस्थ , संपन्न एवं हर्षातिरेक रहें | आने वाली खेप को अपने अनुभव से और परिपक्व बनाएं और खेल जगत में अपना योगदान देते रहें ऐसी हम आशा करते हैं | 
 

महेंद्र सिंह धोनी , लीजेंड मैन | 
भारतीय टीम के ही स्किपर मैन |

सुपर कूल कप्तान इंडिया के | 
कम बोल कर बल्ले से सब कुछ कह जाते | 

टीम मैनेजमेंट सुपर से ऊपर | 
सदैव रहते जीत को तत्पर | 

जहाँ भी पढ़ो तारीफ़ ही पाते हैं | 
ऐसे इंसान दुनिया में कम ही आते हैं | 

खेल के साथ साथ कप्तानी भी निभाते हैं | 
विषम परिस्थितियों में सबका मनोबल बढ़ाते हैं | 

सुपर कूल रहकर आगे कैसे बढ़ते हैं | 
सीखो धोनी से चौके छक्के कैसे जड़ते हैं | 

सभी के हीरो फ़िल्मी सेलिब्रिटी बन जाते हैं | 
कुछ ही लोग अपनी अलग जगह बनाते हैं | 

पूरे खेल में कहीं कोई दाग़ नहीं | 
ऐसे महेंद्र सिंह धोनी का जवाब नहीं |

Sunday, July 5, 2020

KarmYogi

मेरे सभी पाठकों के लिए डॉक्टर दिवस पर एक प्रस्तुति | 
इस कविता को लिखने के एक नहीं अपितु २ कारन है | 

सर्वप्रथम यह की यदि ये शूरवीर हमारे स्वास्थ के लिए स्वयं को विषम परिस्थिति में ना डालें तो परिणाम अत्यंत भयावह हो सकते थे| 
द्वितीय यह की भारत के कई हिस्सों से इनके प्रति हिंसा के समाचार आते रहे हैं| यह विडम्बना है की सहायता करने वाले ये कर्मयोगी हिंसा के पात्र बन रहें हैं | 

इस कविता क माध्यम से जहाँ एक ओर हम अपना आभार प्रकट करते हैं वही दूसरी ओर हम एक सन्देश भेजते हैं , एक निवेदन करते हैं की आप सभी सर्कार एवं प्रशासन को अपना काम करने में सहयोग करें |

वायरस को भगाओ 
नर्सों और डॉक्टरों को नहीं | 

कोरोना को डराओ | 
सहयोगी हाथों को नहीं | 

माँ , बाप, बहन, भाई, बच्चे| 
छोड़कर जो आगे आये हैं | 

 हमको जीवन दान मिले | 
अपना जीवन दांव पर लगाए हैं | 

देवदूत बनकर जो कर्मयोगी | 
आगे आए हैं | 

आओ मिलकर उनके ,
प्रयासों को सफ़ल बनाएं | 

आज डॉक्टर दिवस पर ,
कोरोना को भगाने में उनका साथ निभाएं | 


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आइये हम सब मिलकर इस लॉकडाउन में नयी रूचि का अनुसरण करें और पुनः पुस्तकों की और चलें |
 
स्वास्थ के दृष्टिकोण से भी यह फलदायी है क्यूंकि आज के समय में सब लोगों का स्क्रीनटाइम बहुत बढ़ गया है जिससे चक्षुजयोति क्षीण होती है | 
साथ ही नीली रौशनी(जो आपके इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से निकलती है) से आपके सोने और जागने के समय पर भी प्रभाव पड़ता है |
मैं आप सभी के साथ इस ब्लॉग में कुछ अन्य पुस्तकों के लिंक संलग्न कर रही हूँ|
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अनेक आभार |

Sunday, June 28, 2020

Manthan

गाड़ियों का शोर , आगे निकलने की होड़ | 
नियमों का पालन , बुरी आदतों को देना होगा छोड़ | 

सामाजिक दूरी बनाकर गति बढ़ानी होगी| 
तभी अर्थव्यवस्था पकड़ेगी ज़ोर | 

संसाधनों पर कम , स्वच्छता पर देना होगा ज़ोर | 
तभी देख पाएंगे जीवन की नयी भोर | 

पाश्चात्य सभ्यता की अच्छी बातें अपनाओ | 
अपनी सभ्यता को हाथ जोड़ कर सम्मान पर दो ज़ोर | 

जीव-जंतुओं का न संहार करो न करने दो | 
हमारा मान सम्मान बढ़े प्रकृति और पृथिवी की ओर | 

बिना खर्च के ही सब शुद्ध हो जाएगा | 
बड़ी बड़ी महामारियों का सिलसिला थम जाएगा | 

अच्छे से मंथन करो , न लड़ो न डरो | 
कोरोना का भय और ये दौर भी निकल जाएगा | 


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अनेक आभार |

Sunday, June 21, 2020

Antarrashtriya Yoga Diwas

पाश्चात्य रंग में रंगना नहीं | 
उनको अपने रंग में लाना है | 

ऋषियों और मुनियों 
का देश हमारा है | 

साधू और संतों ने 
जिसे मिल के संवारा है | 

रात्रि को जल्दी सोना 
प्रातः को जल्दी उठना | 

ध्यान, योग, प्राणायाम कर के 
दिनचर्या आरम्भ करना | 

स्वस्थ जीवन का 
यही तो मूलमंत्र है | 

पाश्चात्य सभ्यता ने 
बिगाड़ा सारा तंत्र है | 

आओ हम सब मिलके यह शपथ उठाएं 
भारत के आध्यात्म और विज्ञान को और आगे ले जाएं | 

सम्पूर्ण विश्व को योग सिखाएं 
अपने आयुर्वेद से परिचय कराएं | 

स्वस्थ जीवन का सबको 
मूलमंत्र बताएं |

Tuesday, June 16, 2020

इत्नि जल्दि चला गया।
एक युवा कलाकार||

पीछे दुःख में छोड़ कर |
ये सारा संसार ||

रंगमय है दुनिया सारी |
निभा रहे क़िरदार ||

फिर तुमने क्यूँ  मान ली |
इस जीवन से हार ||

किरदारों से समाज को, देते हो संदेश |
असल ज़िंदगी में आखिर क्यूँ हो गए फेल ||

Sunday, June 7, 2020

Aankhein Kholo

जबसे आँखें खुलीं , गतिमान सब देखा 
बदल गयी आज ज़माने की रूपरेखा | 
                           समय कुछ नहीं कर पाया , प्रकृति ना नदियां 
                            मनुष्य रुका , नदिया गतिमान समय चलता रहा | 
प्रकृति की घुटन कम हुई 
नयी सांस का हुआ संचार | 
                            आगे भी हम रख पाएंगे 
                             क्या ये नया संसार ?
आदतों में क्या कोई बदलाव होगा ?
या इससे भी बड़ी बीमारी से साक्षात्कार होगा |