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Sunday, June 28, 2020

Manthan

गाड़ियों का शोर , आगे निकलने की होड़ | 
नियमों का पालन , बुरी आदतों को देना होगा छोड़ | 

सामाजिक दूरी बनाकर गति बढ़ानी होगी| 
तभी अर्थव्यवस्था पकड़ेगी ज़ोर | 

संसाधनों पर कम , स्वच्छता पर देना होगा ज़ोर | 
तभी देख पाएंगे जीवन की नयी भोर | 

पाश्चात्य सभ्यता की अच्छी बातें अपनाओ | 
अपनी सभ्यता को हाथ जोड़ कर सम्मान पर दो ज़ोर | 

जीव-जंतुओं का न संहार करो न करने दो | 
हमारा मान सम्मान बढ़े प्रकृति और पृथिवी की ओर | 

बिना खर्च के ही सब शुद्ध हो जाएगा | 
बड़ी बड़ी महामारियों का सिलसिला थम जाएगा | 

अच्छे से मंथन करो , न लड़ो न डरो | 
कोरोना का भय और ये दौर भी निकल जाएगा | 


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अनेक आभार |

Sunday, June 21, 2020

Antarrashtriya Yoga Diwas

पाश्चात्य रंग में रंगना नहीं | 
उनको अपने रंग में लाना है | 

ऋषियों और मुनियों 
का देश हमारा है | 

साधू और संतों ने 
जिसे मिल के संवारा है | 

रात्रि को जल्दी सोना 
प्रातः को जल्दी उठना | 

ध्यान, योग, प्राणायाम कर के 
दिनचर्या आरम्भ करना | 

स्वस्थ जीवन का 
यही तो मूलमंत्र है | 

पाश्चात्य सभ्यता ने 
बिगाड़ा सारा तंत्र है | 

आओ हम सब मिलके यह शपथ उठाएं 
भारत के आध्यात्म और विज्ञान को और आगे ले जाएं | 

सम्पूर्ण विश्व को योग सिखाएं 
अपने आयुर्वेद से परिचय कराएं | 

स्वस्थ जीवन का सबको 
मूलमंत्र बताएं |

Tuesday, June 16, 2020

इत्नि जल्दि चला गया।
एक युवा कलाकार||

पीछे दुःख में छोड़ कर |
ये सारा संसार ||

रंगमय है दुनिया सारी |
निभा रहे क़िरदार ||

फिर तुमने क्यूँ  मान ली |
इस जीवन से हार ||

किरदारों से समाज को, देते हो संदेश |
असल ज़िंदगी में आखिर क्यूँ हो गए फेल ||

Sunday, June 7, 2020

Aankhein Kholo

जबसे आँखें खुलीं , गतिमान सब देखा 
बदल गयी आज ज़माने की रूपरेखा | 
                           समय कुछ नहीं कर पाया , प्रकृति ना नदियां 
                            मनुष्य रुका , नदिया गतिमान समय चलता रहा | 
प्रकृति की घुटन कम हुई 
नयी सांस का हुआ संचार | 
                            आगे भी हम रख पाएंगे 
                             क्या ये नया संसार ?
आदतों में क्या कोई बदलाव होगा ?
या इससे भी बड़ी बीमारी से साक्षात्कार होगा |