इस बात इ क्या रोना है |
सड़कें भी सूनी हैं
बाजार भी सूना है|
कोरोना है कोरोना है
कहने से क्या होना है |
कुछ करोना तभी
तो भागेगा कोरोना ||
डरोगे तो हमको डराएगा कोरोना
सावधानी बरतो , घरों में रहोना |
अगर ये है कोरोना तो योद्धा बनोना
लड़ के दिखाओ, इससे डरोना ||
दूर किया इसने घरों का पन सूना
बहार ले के आया ये कोरोना |
चाहते हुए भी जिनके लिए समय नहीं था
परिजनों को पास लाने वाला यही है कोरोना ||
आपदा है ये तो आएगी जाएगी
ये पल ये घड़ियाँ याद रह जाएंगी|
ज़िन्दगी में ठहरा के ये तो सिखाया
ज़रूरी है अपनों का साथ ये बताया ||
यूँ तो दुनिया बहुत बड़ी है
मुश्किल घड़ी में घर याद आया |
कोरोना तुम्हारे कहर से ना डरेंगे
हिम्मत से तुम्हारा सामना करेंगे ||
जीतेंगे और तुमको हराएंगे
एक नवीन भारत बन के दिखाएंगे |
Nicely written..on point..
ReplyDelete@Complex_simplicity आपकी सकारात्मक टिपण्णी के लिए धन्यवाद | कृप्या ऐसे ही विभिन्न रचनाओं को पढ़ने कइ लिए हमसे जुड़े रहें|
DeleteReally very nice.����Keep writing��
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